इस दौर में हम भूल चुके क्या खोया ? क्या पाया ? इस दौर में हम भूल चुके क्या खोया ? क्या पाया ?
हमने भी तो आखिर चौकड़ी ही जमानी है। हमने भी तो आखिर चौकड़ी ही जमानी है।
ना हम उम्र है हम, ना विचारों से एक है ना तेरे शहर के है हम, ना तू मेरे गांव का. ना हम उम्र है हम, ना विचारों से एक है ना तेरे शहर के है हम, ना तू मेरे गांव क...
समय के चलते चलतेहालात बदलते बदलतेये कहाँ आ गये हम समय के चलते चलतेहालात बदलते बदलतेये कहाँ आ गये हम
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
स्वच्छ बनायें। स्वच्छ बनायें।